Huzoor ﷺ ki Khususiyat 02
अकीदा :- हुजुर खातमुन्नबीय्यीन हैं अल्लाह तआला ने नुबुव्वत
का सिलसिला हुजुर ﷺ पर ख़त्म कर दिया। हुजूर ﷺ के ज़माने में या उनके. बाद कोई नबी नहीं हो सकता। जो कोई हुजूर ﷺ के ज़माने में या उनके बाद -किसी को नुबुव्वत मिलना माने या जाइज़ समझे वह काफ़िर है।
अक़ीदा :- अल्लाह तआला की तमाम मखलूकात से हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अफ़ज़ल हैं कि औरों को अलग अलग जो कमालात दिए गए हुजूर ﷺ में वह सब इकट्ठा कर दिए गए और उनके अलावा हुजूर ﷺ को वह कमालात मिले जिनमें किसी का हिस्सा नहीं बल्कि औरों को जो कुछ मिला हुजूर के तुफैल में बल्कि हुजूर ﷺ के मुबारक हाथों से मिला और ‘कमाल' इसलिए कमाल हुआ कि कमाल हुजूर ﷺ की सिफ़त है और हुजूर ﷺ अपने रब के करम से अपने नफ़्से ज़ात में कामिल और अकमल हैं। हुजूर ﷺ का कमाल किसी वस्फ़ से नहीं बल्कि उस वस्फ़ का कमाल है कि कामिल हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सिफ़त बनकर खुद कमाल, कामिल और मुकम्मल हो गया कि जिसमें पाया जाए उसको कामिल बना दे।
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