Gibat Karna Gunah Hai

Gibat Karna Gunah Hai



हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि मैंने एक क़ौम को देखा कि वो अपने नाखूनों से अपने चेहरे और सीनों को छील रहे थे ये वो लोग थे जो अपने भाई का गोश्त खाते हैं यानि ग़ीबत करते हैं 

📕 ( अलइतहाफ,जिल्द 7,सफह 533 )

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