Auliya E Kiram Ka Maqam
हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि क़यामत के दिन अल्लाह के कुछ बन्दे ऐसे होंगे जो ना नबी होंगे और ना शुहदा (यानि औलिया) मगर उनके मक़ाम और बुलंदी को देखकर बाज़ अम्बिया और शुहदा भी रश्क करेंगे
📕 ( बुखारी,जिल्द 2,सफह 961 )